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आप की जब दुआ हो गई. दूर सब वेदना हो गई.

ग़ज़ल

आप की    जब दुआ   हो गई. 

दूर     सब        वेदना  हो गई. 


जिसमें उल्फत के    सपने रहे, 

वो          नजर  बेवफा हो गई. 


बढ़ गई   मुफलिसी इस तरह, 

मुख्तसर   योजना       हो गई. 


पेड़       सूखे      हरे  हो गये, 

जब मेहरबां      घटा   हो गई. 

 

बाढ़ आई     गई भी      चली, 

रेत घर में      जमा      हो गई. 


आप का   आगमन क्या हुआ, 

ये सुहानी            हवा हो गई. 


बदसलूकी         उधर भी हुई, 

कुछ इधर       से खता हो गई. 


शिव नारायण शिव

19-8-21

परिवर्तन की बात हुई है. कल बैठक आपात हुई है.

 ग़ज़ल

परिवर्तन   की   बात हुई है.

कल बैठक    आपात हुई है.


एक तरफ है तपिश धूप की, 

एक तरफ      बरसात हुई है.

 

शुक्ल पक्ष का है पखवारा,

अद्भुत काली     रात हुई है.


बेच बेच    कर सोना चांदी, 

महगाई        आयात हुई है.


राहजनी    है   कहीं हो रही , 

कहीं    पुलिस  तैनात हुई है.


बनी सड़क है जितनी अच्छी, 

घटना उस     अनुपात हुई है.


फूलों की      वर्षा  होनी थी, 

लेकिन  उल्कापात  हुई    है.


शिव नारायण शिव

9-9-21

महके फूल हवायें झूमी

गीत-5 ******* महके फूल हवायें झूमीं फागुन आया क्या? क्या मुस्काई न ई कोपल़ें पुष्पित हुए पलाश. बगिया में मेहमानी करने फिर आया मधुम...