ग़ज़ल
परिवर्तन की बात हुई है.
कल बैठक आपात हुई है.
एक तरफ है तपिश धूप की,
एक तरफ बरसात हुई है.
शुक्ल पक्ष का है पखवारा,
अद्भुत काली रात हुई है.
बेच बेच कर सोना चांदी,
महगाई आयात हुई है.
राहजनी है कहीं हो रही ,
कहीं पुलिस तैनात हुई है.
बनी सड़क है जितनी अच्छी,
घटना उस अनुपात हुई है.
फूलों की वर्षा होनी थी,
लेकिन उल्कापात हुई है.
शिव नारायण शिव
9-9-21