ग़ज़ल(देश प्रेम डूबी हुई)
*******
आजादी का नारा है.
अनुपम देश हमारा है.
कोना कोना धरती का,
कितना प्यारा प्यारा है.
जिससे ज्योतित है दुनिया,
भारत वह ध्रुव तारा है.
दुश्मन हो जाये अवगत,
हर बच्चा अंगारा है,
पांव जहाँ हम हैं रखते,
हो जाता उजियारा है,
सबने खून पसीने से,
इसका रूप संवारा है.
यही हमारी है जन्नत,
यह ही भाग्य हमारा है.
शिव नारायण शिव
19-8-21