ग़ज़ल(देश प्रेम डूबी हुई)

 ग़ज़ल(देश प्रेम डूबी हुई) 

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आजादी        का   नारा है.

अनुपम      देश    हमारा है.


कोना कोना      धरती का, 

कितना   प्यारा     प्यारा है.


जिससे ज्योतित    है दुनिया, 

भारत     वह ध्रुव     तारा है.


दुश्मन हो     जाये  अवगत, 

हर      बच्चा     अंगारा   है, 


पांव    जहाँ  हम   हैं  रखते, 

हो    जाता      उजियारा है, 


सबने  खून         पसीने से, 

इसका         रूप संवारा है.


यही     हमारी       है जन्नत, 

यह    ही  भाग्य    हमारा है.


शिव नारायण शिव

19-8-21

महके फूल हवायें झूमी

गीत-5 ******* महके फूल हवायें झूमीं फागुन आया क्या? क्या मुस्काई न ई कोपल़ें पुष्पित हुए पलाश. बगिया में मेहमानी करने फिर आया मधुम...