अच्छी फिजा बनाकर रखिये. घर आंगन महका कर रखिये,

 ग़ज़ल

*******

अच्छी फिजा   बनाकर रखिये.

घर आंगन    महका कर रखिये, 


पत्थर दिल     वाली दुनिया  है, 

दिल का जख्म छुपा कर रखिये.


हिला न   पाये     आंधी घर को, 

यूँ   दीवार      उठाकर    रखिये.


घर आंगन में    भारत माँ   की, 

मूरत एक       सजाकर रखिये.


सुख में दुख  में     हर सूरत में, 

मन अपना   बहला कर रखिये.


मंजिल की      चाहत रखते हैं, 

हर दम कदम बढ़ा कर रखिये.


हवा    विषैली      है बाहर की, 

बच्चों को   फुसला कर रखिये.


शिव नारायण शिव

18-8-21

महके फूल हवायें झूमी

गीत-5 ******* महके फूल हवायें झूमीं फागुन आया क्या? क्या मुस्काई न ई कोपल़ें पुष्पित हुए पलाश. बगिया में मेहमानी करने फिर आया मधुम...