दोस्तों से मुलाकात होती नहीं.
चाह कर भी कोई बात होती नहीं.
सोचता हूँ ग़ज़ल गुनगुनाऊँ कोई,
रात होती है वह रात होती नहीं.
गीत-5 ******* महके फूल हवायें झूमीं फागुन आया क्या? क्या मुस्काई न ई कोपल़ें पुष्पित हुए पलाश. बगिया में मेहमानी करने फिर आया मधुम...